रक्षक (भाग : 08)
रक्षक भाग : 08
खण्ड - 03
Undead कथा
रिकैप- अब तक आपने पढ़ा कि अनद और कनेक अपनी सेना ,जिससे कि वह दोस्तो की तरह पेश आता था, के साथ उन विचित्र पंख वाले खूंखार प्राणियों में से कुछ का संहार कर देता है और और कुछ को खदेड़ कर फिर वापस लौटने की सोच ही रहा होता है कि तभी वो और कनेक चौक जाते हैं, क्योंकि जिस अंतरिक्ष हत्यारे को उन्होंने पिछले युद्ध मे मार डाला था वह अब उनके सामने खड़ा था।
अब पढ़िये आगे------
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अनद अंतरिक्ष हत्यारे को देखकर बहुत हैरान था।पिछली बार अनद और कनेक ने मिलकर अंतरिक्ष हत्यारे को मृत्यु के द्वार तक पहुँचा दिया था। अब वो जीवित कैसे? उसके पास इतनी बड़ी सेना कैसे? कुछ भी समझ नही आ रहा था। कनेक भी आश्चर्यचकित होकर खड़ा था, उन्हें देखकर अंतरिक्ष हत्यारा कुटिलता पूर्वक मुस्कुरा देता है।
अंतरिक्ष हत्यारा एक ऐसी शख्सियत थी जो पहले अंतरिक्ष में सुपारी लेकर लोगो को उठवाकर मारता था। तब वह सामान्य हत्यारे से थोड़ा अधिक खूंखार था परन्तु अब वह बहुत बदला हुआ लग रहा था। उसके कान पहले से ज्यादा लंबे और नुकीले थे और नाक भी लंबी नुकीली थी, मुँह छोटा था, उसके पूरे जिस्म पर खास पोशाक थी, जिसमें कई तरह के हथियार बंधे हुए थे। वह अपने सिंहासन पर बैठकर मुस्कुरा रहा था। पूरे शरीर के कायापलट के बाद भी उसके पास एक ऐसी चीज थी जिससे कोई भी उसे आसानी से पहचान सकता था,वो था उसका लॉकेट जिसमे किसी अजीब भाषा मे कुछ उकेरा हुआ था और उसने वो लॉकेट कभी नही उतारी थी।
अनद और कनेक को उनके साथियों सहित अंतरिक्ष हत्यारे की उड़ने वाली सेना ने घेर लिया था। अनद अपनी असावधानी पर क्रोधित हो रहा था। उसे लगा जैसे उसने सबको फंसा दिया है क्योंकि अगर उसने अंतरिक्ष हत्यारे को मार दिया होता या थोड़ा और अन्वेषण किया होता तो आज यह मुसीबत नही आती पर अब क्या करे जब चिड़िया चुग गयी खेत।
अनद ने कनेक को आंखों से कुछ इशारा किया, कनेक उसकी बात समझकर मुस्कुराया और अपने पास खड़े सैनिक को वैसा ही इशारा किया, इसी तरह सभी ने दूसरे सैनिक को इशारा किया।
अंतरिक्ष हत्यारा उन्हें ये करते देख तो लिया पर बहुत हैरान था वो कर क्या कर रहे हैं।
“मरने से पहले जो जी मे आये कर लो प्रेवलीनवासीयो” - अंतरिक्ष हत्यारा कड़क आवाज में बोला।
अगले ही पल जैसे कोई कायापलट हुआ हो, सभी सैनिको ने स्पेस सूट निकाल दिया,उसके अंदर अपने असली योद्धा के पोशाक पहने हुए थे, सभी सैनिको की पोशाक तन्य, सुदृढ़ और मजबूत धातु की बनी थी, हाथो में ब्रेसलेट, और कमर पर कमर पट्टिका बंधी थी, पैरों में लंबे जूते और हाथो में एक विशेष गन आ गई जो सूट के खुलते ही सैनिक के पास आ जाती थी।
अनद अब पूरी तरह परिवर्तित हो चुका था। उसके हाथ में एक अत्याधुनिक हथियार था जो स्पेशली अनद के लिए ही बनाया गया था। वो केवल अनद के हाथ से ही खुलता था, जो कि अनद के पोशाक से ही जुड़ा हुआ था। अनद के लंबे बाल लहरा रहे थे। उसके नीले चेहरे पे कमाल की मुस्कान थी। उसी तरह कनेक के पास भी एक विशेष हथियार था, जो केवल वही चला सकता था। वह अनद की ओर देखकर मुस्कुरा रहा था।
अन्तरिक्ष हत्यारा एक ही पल में हुए इस आश्चर्यजनक परिवर्तन को बड़े ही गौर से देख रहा था पर वह तनिक भी विचलित नही हुआ, बल्कि उसकी मुस्कान अब और बढ़ गयी थी।
“तुम्हे क्या लगता है, तुम अपने इन हथियारों के दम पर मुझे हरा सकते हो, भूल है ये तुम्हारी, अपना वहम दूर करो” - हँसते हुए वह बोला।
“पिछली बार भी तूने यही कहा था पर अंजाम तुझे अच्छे से पता है” - कनेक ने उसका जवाब दिया।
“मैंने जो कहा है तुम सब वो करो, मैं इससे निबटता हूँ”- अनद, कनेक और सभी सैनिको से चिल्लाकर कहता है फिर अपने हथियार से नया फरसा बनाकर पंखोवाले प्राणियों को काटते हुए तेज़ी से अंतरिक्ष हत्यारे की ओर बढ़ता है।
“यार ये फरसे का कितना बड़ा दीवाना है, देखो उस हथियार का वो कुछ भी बना सकता है पर..”- स्कन्ध जयन्त से उसे देखते हुए बोला।
“अच्छे समय पर मज़ा खराब करने के लिए बोलना जरूरी है क्या?”- जीवन स्कन्ध से बोला।
“उनका विज्ञान देखो, हमसे कितना आगे था!” - जय बोलता है और बाकी सब चुप हो जाते हैं।
यूनिक अब आगे दिखाता है….
अनद फरसा लेकर अंतरिक्ष हत्यारे पर जोरदार हमला करता है, परन्तु अंतरिक्ष हत्यारा उसके वार को फरसे के काटने वाले सिरे को पकड़कर रोक लेता है, यह देखकर अनद को और आश्चर्य होता है परन्तु वो इसे जाहिर नही करता।
कनेक और उसके साथी सैनिक अपनी योजना के अनुसार टुकड़ी में बंटकर अपने हथियारों को आपस मे जोड़कर पंखधारी प्राणियों पर हमला कर रहे थे, जिससे उन प्राणियों का बचना बहुत मुश्किल हो रहा था। पंखधारी प्राणी अब अपनी जान बचाकर भागने लगे थे, पर वो सब छलावा था, जैसे ही लगा कि वो चले गए कनेक के सैनिक निश्चिंत होकर अनद की तरफ़ जाने लगे, जहा वह एक तैरते पिंड पर अंतरिक्ष हत्यारे से लड़ रहा था। यह निश्चिंतता उन्हें बहुत महंगी पड़ने वाली थी, उन्हें यह तब तक ज्ञात नही हुआ जब तक उनपर हमला नही हो गया। सारे पंखधारी प्राणी आपस मे जुड़कर अब नया प्राणी बन चुके थे, उनके सामने वह पिंड भी छोटा लग रहा था जिसपर वो सब खड़े थे, वह अब बहुत बड़ा और भयंकर नज़र आ रहा था और खुद को ‘पेनाइन’ बुला रहा था। उसके हाथ अब उसके टांग तक आ रहै थे नाखून बहुत ही बड़े बड़े और नुकीले थे। उसके ओर छोटे मोटे पिंड भी आकर्षित हो रहे थे। उसके मात्र एक वार से ही काफी सैनिक घायल हो गए थे। कुछ तो उसके मुह की ओर देखकर ही डर गए थे। उन्होंने हमेशा से ही खतरनाक मिशन सफलता पूर्वक अंजाम दिए थे, इसलिए बच गए वरना कोई और होता तो दिल का दौरा पड़ना तय था। खूंखार चेहरा, विशाल पंख और उस पर भी वह मरे हुए सैनिको को बड़ी ही बर्बरता से कच्चा ही चबा के खा जा रहा था।
वही दूसरी तरफ़ अनद, अंतरिक्ष हत्यारे से भिड़ा हुआ था। इस बार अंतरिक्ष हत्यारा पहले से सौ गुना ज्यादा ताकतवर लग रहा था। वह हर वार का पलटवार करके जवाब देने लगा था। अनद अब थकने लगा था वह जल्दी ही थककर गिर गया और हत्यारे को उसपर हमला करने का मौका मिल गया। अनद की आंखे पहले से ही बंद होने लगी थी पर जैसे ही उसे अपने पत्नी और बच्चे का ख्याल आया वैसे ही वह उठने की कोशिश करने लगा। अंतरिक्ष हत्यारे के वार से बचकर उसने उसके सिर पर हमला किया पर अंतरिक्ष हत्यारे ने उसके इस वार को बड़े आसानी से रोक लिया और उसे रोकने में अनद की हालत खराब होती जा रही थी।
कनेक और उसके साथी उस विशाल प्राणी 'पेनाइन' पर लगातार हमले कर रहे थे, परन्तु उन वारो का कोई असर नही हो रहा था, जबकि उसके हर वार के साथ सैनिको की संख्या में कमी होती जा रही थी। वह उन्हें कच्चा चबाकर खाता जा रहा था। उसके मुँह से सैनिकों के खून की धार बह रही थी।
बड़ा ही वीभत्स्य दृश्य था वह।
तभी कनेक ने देखा कि उस विशाल जीव से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आस पास के छोटे पिंड उसकी ओर आकर्षित होने लगे थे। कनेक को एक विचार आया और उसने अपने बचे हुए सभी साथियों को समझाया जिसे सुनकर वो सब वहां से भागने लगे, कनेक भी उनके पीछे भागने लगा और वो विशाल प्राणी पेनाइन भी उनके पीछे भागने लगा।
वही दूसरी तरफ अनद और अंतरिक्ष हत्यारा लड़ते लड़ते विशाल अंतरिक्ष मे बहुत दूर चले आये थे। अब अंतरिक्ष हत्यारा, अनद पर बहुत ज्यादा भारी पड़ रहा था।अनद मन ही मन अपने ईश्वर की प्रार्थना कर रहा था और अपने ग्रह एवं पत्नी और बेटे की सुरक्षा के लिए शक्ति की याचना करने लगा। अंतरिक्ष मे लड़ने का सूट और हज़ारो बार लड़ने का अनुभव, हर बार हर किसी से जीतने का जज्बा होने के बाद भी वो हार रहा था। लगातार हुई लड़ाई उसे थका रही थी, उसका जिस्म हार मानने लगा था पर मन नही, अंतरिक्ष हत्यारा गिरकर संभलते अनद के पेट पर जोरदार लात मारता है और वो सघन अंतरिक्ष में दूर कही खो जाता है…
प्रेवलीन ग्रह पर
बेस में..
स्वेरम सब पर चिल्ला रहे थे, क्योंकि उनका अनद से कॉन्टेक्ट टूट गया था। अनद उस संस्था का और स्वेरम का सबसे चहेता था। उसने कई असम्भव से मिशन अपने ही दम पर किये थे। प्रेवलीन विज्ञान, ज्ञान और प्रकृति की अदभुत सम्पदा रखता था इसलिए यहां हमेशा हमले होते रहते थे।
अनद और उसके साथियों ने हर मुसीबत का डटकर सामना किया था। ऐसा पहले भी कई बार हुआ पर तब अनद उस मुसीबत को निबटाकर सामने हाज़िर हो जाता था। लेकिन इस बार जाने क्यों सबकी धड़कने बढ़ी हुई थी।
तभी अंतरिक्ष पर एक काला सा कुछ फ़्लैश हुआ, उसकी गति इतनी अधिक थी कि टेलिस्कोपिक कैमरे ज्यादा अच्छे से नही देख सके, परन्तु स्वेरम को किसी बड़ी मुसीबत का आभास हो रहा था।
“पूरी प्रेवलीन पर सुरक्षा घेरा फैला दो, जल्दी!” स्वेरम ने स्क्रीन देखते हुए कहा।
उनके आदेश का पालन करते हुए वहां उपस्थित वैज्ञानिकों का एक दल एक विशेष कमरे में गया जहां कई बड़ी बड़ी मशीने और लॉन्चर लगे हुए थे, एक बटन को दबाते ही पूरे ग्रह पर लाल रंग का सुरक्षा घेरा बनने लगा, जिससे कोई भी बाहरी वस्तु या यान अंदर प्रवेश नही कर सकती, अगर कोई जबर्दस्ती करे तो उसकी सूचना यहाँ पहुच जाती।
अंतरिक्ष मे एक टूटे हुए पिण्ड पर गिरा हुआ अनद उठने की कोशिश कर करके हार चुका था। उसे लगा अब उसका अंत आ गया है, उसके जिस्म पर कई बड़ी बड़ी चोटे आयी थी, उसकी मजबूत पोशाक भी कई जगहों से फट चुकी थी, मुँह से लगातार खून बह रहा था। कोई भी ऐसी शक्ति नही जिसकी सहायता से अब वह अंतरिक्ष हत्यारे को मात दे सके, शायद अब वह अपने ग्रह को नही बचा सकता। सोचता हुआ अनद अपने ब्रेसलेट को टच करता है और अवि और उपमा की तस्वीरें देखने लगता है, बड़े प्यार से दोनों की तस्वीर निहारता है, दोनो आँखों में आँसू आ जाते हैं। वह अपने ग्रह को बचाने में पूरी तरह असक्षम हो गया था, तभी वहाँ तीव्र प्रकाश होता है। जब प्रकाश कम होता है तो अनद खुद को स्वस्थ पाता है, उसके जख्म लगभग भर गए होते हैं, अनद को कुछ समझ नही आता कि ये चमत्कार कैसे हुआ, पर वह खुद को पहले से बहुत स्वस्थ और ताकतवर पा रहा था। ( ब्रह्म शक्ति, ये शक्ति केवल उसी को मिलती है जो कभी अपने लिए न सोचें, दूसरो के लिए स्वयं को कुर्बान कर देने का उतावलापन, और एक सच्चे योद्धा को ही मिल सकती है, परन्तु अनद को नही पता कि उसे ब्रह्म शक्ति प्राप्त हुई है)
अनद जोर से चिल्लाकर उछला और अपनी ओर आ रहे अंतरिक्ष हत्यारे को मुँह पर जोरदार घुसा मारा, अब अनद अंतरिक्ष हत्यारे को सम्भलने का एक भी मौका नही दे रहा था।
कनेक अपने साथियों के पीछे भागता हुआ एक छोटे छोटे पिंडो के समूह के पास आ गया और उस पेनाइन को ललकारा, पेनाइन गुर्राते हुए उनकी ओर आगे भागा, उसी समय सभी सैनिकों ने अपने सूट में लगे गुरुत्व नियंत्रक यंत्र को चालू करके अपने गुरुत्व बल को शून्य कर लिया और वहां से उल्टी दिशा में भागने लगे, वो छोटे छोटे पिंड उस विशाल प्राणी के कुछ सोच पाने से पहले ही उसके ऊपर जा कर चिपक गए और चिपकते हुए एक बड़े पिंड का निर्माण करने लगे। तुम्हारा सुझाव बहुत अच्छा था कनेक, सब कनेक की तारीफ करने लगे।
लेकिन कनेक को अब अनद की चिंता होने लगी वो जल्दी से उन सबसे अनद को ढूंढने को कहता है।
अनद अब बहुत ज्यादा ताकतवर हो चुका था। उसकी क्रूरता भी बढ़ गई थी। इस ख्याल से कि अगर उसे कुछ हो जाता तो अवि और उपमा का क्या होता, यह सोचकर उसके शरीर मे सिहरन दौड़ गयी, लेकिन तभी अंतरिक्ष हत्यारे ने एक नुकीले पत्थर से उसके सर पर हमला किया, जिसे अनद ने अपने हाथों से रोक लिया और उसके हाथों को पकड़कर तोड़ दिया। अंतरिक्ष हत्यारे ने दूसरे हाथ से हमला किया पर अनद ने उस हाथ को भी बुरी तरह मोड़ दिया। अपने दोनों हाथों से उसके कंधे को पकड़कर अपने चेहरे से उसके चेहरे को टकरा दिया, जिससे अंतरिक्ष हत्यारे की नाक टूट गयी। वह अपनी जान की भीख मांगने लगा पर अनद का क्रोध चरम पर था। वह अन्तरिक्ष हत्यारे का पैर पकड़कर जोर जोर से घुमाने लगा और विशाल अंतरिक्ष में फेंक दिया।
“इसने तो इसका काम तमाम कर डाला” - स्कन्ध बच्चों की तरह चहकते हुए बोला।
“चुप रहो यार तुम, अब भी पता नही चला ऐसा क्या हुआ जिससे यह अंधेरे के बेटे के साथ हो गया।”- अंश बोला
“बात तो तुम्हारी सही है, परन्तु ब्रह्म शक्ति के बारे में कुछ पता चला, अच्छे से नही बता सकते क्या यूनिक!”- जयन्त बोला।
“देख भिड़ू, अपुन इच को जितना मिला, अपुन बता रेला है, ज्यादा डेढ़ स्याणपत्ती की जरूरत ना हे”- यूनिक बोला
“अबे यह फिर से उसी भाषा मे बोला, मैंने तुम्हें उसकी प्राइम लैंग्वेज पर सेट करने को कहा था न!”- जीवन जय पर गुस्सा कर बोला।
जय अपनी जगह से उठकर, यूनिक के हाथ को देखकर आंखे बड़ी करते हुए बोला - “इसने इसी भाषा को अपनी प्राइम लैंग्वेज बना लिया है।”
“हद है यार!” - जीवन बोला
“देख भाई मेरी पसन्द में टांग नही घुसाने का, आगे फोकस करो जानना है तो..” - यूनिक बोला।
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जेन्डोर ग्रह पर ही--
“इस तरह मैंने सबको हरा दिया वो रक्षक फिर आया था मुझे रोकने, मैंने उसकी सांसे रोक दी”- undead उछलता हुआ किसी को आज का पूरा हाल बता रहा था।
“वो अब भी जिंदा है मेरे दोस्त!”- अंधेरे से आवाज आई।
“क्या! यह असम्भव है!”- undead बौखलाकर बोला।
“तुम्हे आज ही यह युद्ध समाप्त करना होगा दोस्त!”- अंधेरे से पुनः आवाज आई।
“अगर वो जीवित है तो अच्छा ही है महान तम! मैं उसे तड़पा तड़पाकर कर मारना चाहता हूँ”- undead अपना फरसा उठाते हुए चिल्लाकर बोला।
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प्रेवलीन ग्रह के बाहर अंतरिक्ष में सब वापस जा रहे थे।तभी कोई काली छाया अनद को वहां से लेकर गुजरी, अनद अभी कनेक आदि को ढूंढ रहा था तभी उसे इस छाया ने पकड़ लिया..
एक अंधेरे पिंड के पास जाकर वह साया रुका, अनद उससे लड़ने को तैयार हो गया..
“घबराओ मत दोस्त! मैं तुम्हारा दुश्मन नही हूँ।”- अंधेरे से आवाज आई।
“...और मैं तुमपर यकीन कैसे करूँ!'’ अनद ने सवाल किया।
“क्योंकि भेदभाव उजाले में होता है, अंधेरे में सब एक समान होते हैं। अंधेरा सबको एक नजर से देखता है।” - - अंधेरे से उसका जवाब आया।
“ मैं यहां तुम्हे सिर्फ आगाह करने आया हूँ दोस्त, उजाला तुम्हारे ग्रह को तबाह करना चाहता है, तुम्हारे इस प्यारे ग्रह को।”
अनद यह सुनकर बिल्कुल शांत हो गया फिर कुछ देर सोचकर बोला - “और इससे तुम्हे क्या फायदा होगा?”
“मैं बस सबको उजाले से बचाना चाहता हूँ दोस्त, तुम सोचने और करने के लिए स्वतंत्र हो, जब आवश्यता हो तो तुम मुझे बुला सकते हो।”- कहते हुए अँधेरे से वही साया निकला और अनद को उसके यान के पास छोड़ आया जहाँ बाकी सब उसका इंतजार कर रहे थे।
पर अनद अपने ख्यालो की अलग दुनिया मे खोया हुआ था। उसके एक साथी ने उसे धक्का देकर अंदर किया। वह सोच रहा था “क्या होगा अगर उसका कहना सच हो” अंतरिक्ष हत्यारे को किसी बाहरी शक्ति ने ही ताक़त दी होगी। क्या पता ये सारा कारनामा उजाले का ही हो…..!!
वो ख्यालो की अपनी दुनिया में गुम हो चुका था और यान वापस प्रेवलीन की ओर चल दिया।
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क्रमशः-
Hayati ansari
29-Nov-2021 09:55 AM
Good
Reply
Niraj Pandey
09-Oct-2021 12:12 AM
वाह हर भाग में एक अलग ही रोमांच है बहुत खूब
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Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 05:13 PM
बहुत सुंदर
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